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Sunil Chhetri Quotes In Hindi
- Sunil Chhetri Quotes In Hindi: मुद्दा यह नहीं है कि कंपीट करना है क्रिकेट से; मुद्दा यह है कि हमें हर स्पोर्ट में अच्छा करना है।
- किसी भी टीम में कोच सबसे महत्वपूर्ण होता है।
- फुटबॉल में दूसरी एशियन कंट्री भारत की तुलना में बड़ी तेजी से तरक्की कर रही हैं।
- अगर आपका बच्चा आपसे यह नहीं बताता की वो क्या करना चाहता/चाहती है या वो क्या बनना चाहता/ चाहती है तब आप मेरा विश्वास करिए आपके पैरेंटिंग के तरीके मे कुछ कमी है।
- आपके पास कितना हू अच्छे प्लेयरों हो लेकिन अगर उन्हें गाइड या कोच करने वाला कोच अच्छा नहीं है; तो वह टीम किसी काम की नही है।
- जब मैं छोटा था, उस समय मेरे फादर आर्मी में थे। हमारे पास बड़ा ही लिमिटेड बजट होता था,… कि अगर इतना सैलरी आएगी। तो यहां से यहां तक इतना…. 15 तारीख तक थोड़ा प्रॉब्लम शुरु हो जाएगा। 20 तारीख तक कुछ मांगना ही मत। 25 तारीख तक बहुत बड़ा प्रॉब्लम, अगले 5 दिन फिर प्रे करना कि कब नेक्स्ट सैलरी आएगी, लगा रहता था।
- फुटबॉल में,कोच के पास प्लान होता है। उसके प्लांस सबसे महत्वपूर्ण होता है; उसी के प्लान पर पूरी टीम काम करती है।
- हो सकता है कि आपके पास दुनिया के सबसे बेहतरीन प्लेयर्स और कोच हो लेकिन यदि उनके बीच आपसी तालमेल नहीं होगा तो वो टीम किसी काम की नहीं होगी।
- जब मैं छोटा था तब रोनाल्डो का दीवाना हुआ करता था, अब लियोनेल मेस्सी मेरे पसंदीदा प्लेयर हैं।
- मेरा फेवरेट क्लब बार्सिलोना है।
Sunil Chhetri Thoughts In Hindi
- Sunil Chhetri Thoughts In Hindi: हमारे परिवार में सभी लोग एक दूसरे के बेहद करीब है। मेरा अपनी छोटी बहन बंदना से विशेष लगाव है।
- पेशेवर फुटबॉल खेलना किसी चुनौती से कम नहीं है। पर चुनौती किस खेल में नहीं मिलती? यदि आप विराट कोहली से पूछेंगे तो वह भी कुछ ऐसा ही कहेंगे।
- मैं खुद को इस बात के लिए भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे अपने परिवार का सपोर्ट मिला और वो भी सही समय पर।
- मेरे लिए फुटबॉल ही सब कुछ है। मेरे लिए यही जिंदगी है, आज मैं जो कुछ भी हूं, इसी की बदौलत हूं।
- मैंने सिक्किम से बालवाड़ी और कोलकाता व दिल्ली से स्कूलिंग की। 12वीं पास करने के तुरंत बाद ही मुझे पेशेवर फुटबॉल खेलने का मौका मिला। फिर मैं आगे की पढ़ाई जारी रख सका।
- भारतीय फुटबाल की स्थिति, 10 वर्ष पहले की तुलना में काफी अच्छी है। पर इसे अभी संतोषजनक नहीं कह सकते।
- मेरे माता-पिता दोनों ही फुटबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं।मां, जहां नेपाल की राष्ट्रीय टीम के लिए खेल चुकी हैं वहीं पिताजी भारतीय सेना के लिए। आप कह सकते हैं कि फुटबॉल का जुनून मुझे विरासत में मिला है। यही कारण है कि जब मैंने फुटबॉल चुना; तो मेरे परिवार में किसी को आश्चर्य नहीं हुआ।
- हमें एशिया की सबसे अच्छी टीम बनने के लिए अभी भी बहुत लंबा सफर तय करना है। दुनिया की बेहतरीन टीमों से प्रतिस्पर्धा करने की बात उसके बाद आएगी। खैर, हर दिन बेहतर होते जा रहे हैं।